पिछले साल सितंबर में आयोजित हरियाणा सिविल सर्विस (HCS) की कार्यकारी शाखा और संबद्ध सेवाएं के 156 पदों की प्रारंभिक परीक्षा और डेंटल सर्जन के 81 पदों की लिखित परीक्षा को प्रदेश सरकार ने रद कर दिया है।
हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के उपसचिव पद से बर्खास्त किए गए HCS अधिकारी अनिल नागर के समय में यह परीक्षाएं हुईं थी। आरोप है कि करोड़ों रुपये का लेन-देन कर अपात्र उम्मीदवारों को परीक्षा पास कराई गई। डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा अब नए सिरे से 19 जून और HCS की प्रारंभिक परीक्षा 10 जुलाई को होगी।
विजिलेंस पूछताछ में तीनों ने माना कि डेंटल सर्जन की भर्ती के लिए कई उम्मीदवारों से सेटिंग की गई। HCS प्री-एग्जाम को पास करवाने के लिए भी सौदा हुआ था। तीनों के कब्जे से विजिलेंस ब्यूरो ने तीन करोड़ पांच लाख रुपये नकद बरामद किए। सरकारी नौकरियों में पदों के हिसाब ने इन लोगों ने रेट तय किए हुए थे।
हरियाणा में भ्रष्टाचार में फंसी एचसीएस व डेंटल सर्जन की परीक्षाएं रद, अब नए सिरे से होंगे एग्जाम
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हरियाणा में पिछले वर्ष सितंबर में आयोजित एचसीएस व डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा को रद कर दिया गया है। डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा अब नए सिरे से 19 जून और HCS की प्रारंभिक परीक्षा 10 जुलाई को होगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पिछले साल सितंबर में आयोजित हरियाणा सिविल सर्विस (HCS ) की कार्यकारी शाखा और संबद्ध सेवाएं के 156 पदों की प्रारंभिक परीक्षा और डेंटल सर्जन के 81 पदों की लिखित परीक्षा को प्रदेश सरकार ने रद कर दिया है।
हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के उपसचिव पद से बर्खास्त किए गए HCS अधिकारी अनिल नागर के समय में यह परीक्षाएं हुईं थी। आरोप है कि करोड़ों रुपये का लेन-देन कर अपात्र उम्मीदवारों को परीक्षा पास कराई गई। डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा अब नए सिरे से 19 जून और HCS की प्रारंभिक परीक्षा 10 जुलाई को होगी।
केवल वही उम्मीदवार इन परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे, जिन्हाेंने भर्ती निकलने के दौरान आवेदन किया था।HPSC ने सोमवार को इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए। पिछले साल 12 सितंबर को 13 जिलों में 538 परीक्षा केंद्रों पर HCS प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी।
इस परीक्षा में एक लाख 42 हजार से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था जिनमें से करीब 74 हजार ने परीक्षा दी। इसी तरह पिछले साल 26 सितंबर को डेंटल सर्जन के 81 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट भी घोषित कर दिया गया था, लेकिन बाद में HPSC के तत्कालीन उप सचिव अनिल नागर के साथ ही भिवानी के नवीन तथा झज्जर के अश्विनी शर्मा को नौकरियों के लिए मोटी रकम लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।
विजिलेंस पूछताछ में तीनों ने माना कि डेंटल सर्जन की भर्ती के लिए कई उम्मीदवारों से सेटिंग की गई। HCS प्री-एग्जाम को पास करवाने के लिए भी सौदा हुआ था। तीनों के कब्जे से विजिलेंस ब्यूरो ने तीन करोड़ पांच लाख रुपये नकद बरामद किए। सरकारी नौकरियों में पदों के हिसाब ने इन लोगों ने रेट तय किए हुए थे।
अनिल नागर की अपनी भर्ती पर चल रहा केस
अनिल नागर जिस भर्ती के जरिये HCS बने थे, वह भी विवादों में है। पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला सरकार में वर्ष 2004 में संपन्न हुई भर्ती प्रक्रिया में चयनित अभ्यर्थियों को पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार ने नियुक्ति नहीं दी थी। इसके बाद मनोहर सरकार ने पहली पारी में वर्ष 2016 में 102 उम्मीदवारों में से 38 को ज्वाइन करवाया था।
इनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जिन 38 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे, उनमें HCS कार्यकारी शाखा के 23 चयनित उम्मीदवार शामिल थे। उनमें से 19 ने ही ज्वाइन किया था।
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